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हिन्दी दिवस

हिन्दी है माथे की बिंदी,हिंदी से हिंन्दुस्तान है।
मातृभाषा अपनी हिंदी,भारत की पहचान है
            समस्त भारत के हिंदी प्रेमियों को डा रमेश “निराश” मेरा नमस्कार।आज विश्व हिंदी दिवस है दोस्तो।
यह हमारा दुर्भाग्य है दोस्तो,कि भारत की कोई राष्ट्रभाषा नहीं है,हिंदी एक राजभाषा है यानि कि राज्य के कामकाज में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा।भारतीय संविधान में किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिला हुआ है। भारत में 22 भाषाओं को आधिकारिक दर्जा मिला हुआ है, जिसमें अंग्रेजी और हिंदी भी शामिल है।
हिंदी की लोकप्रियता को लेकर दुनियाभर में 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य दुनियाभर में हिंदी का प्रचार-प्रसार करना है।अंतरराष्ट्रीय भाषा के तौर पर हिंदी को स्थापित करने का भी उद्देश्य है। विश्व हिंदी दिवस के मौके पर भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होता है। हिन्दी एक  सरल जन जन की भाषा है।
पहली बार विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी 2006 को मनाया गया था।तब से हर साल इसे इसी तिथि पर इसे मनाया जाता है।
 प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ तब से ही इस दिन को ‘विश्व हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य केवल हिंदी को राष्ट्रभाषा की ओर अग्रसर करना नही बल्कि और भाषाओं के साथ हिंदी को साथ लेकर चलना और हिंदी को जनमानस की भाषा बनाना है।
देश का पहला राज्य बिहार है जिसने हिंदी को अपनी आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया।
आपका सेवक
डा. रमेश निराश

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